Hindi Sex Story भाई बहण की चुदाई कहानी Bhai Bahan सेक्स कहानी Zavazavi Katha


Hindi Sex Story भाई बहण की चुदाई कहानी Bhai Bahan सेक्स कहानी Zavazavi Katha


आज मैं आपको Hindi Sex Story बताने वाली हूँ जो मेरी खुद की है Bhai Bahan Ki Sex Story है | मेरी Zavazavi Katha आप सुनेंगे तो आपका लंड भी फनफनाने लगेगा | आप इस मेरी चुदाई की कहानी को अंत तक जरूर पढे और मुझे बताये की आपको यह सेक्स स्टोरी कैसी लगी |
Bhai Bahan chudai
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सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम रश्मी  है, मैं जयपुर की रहने वाली हूँ।

आज की यह Chudai Ki Kahani सच्ची है जिसे मै आपके साथ Seaxystory.blogspot.com पर शेअर कर रहा हूँ |यहाँ पर आप हिंदी सेक्स स्टोरीज हर रोज पढ सकते है |आपने Antarvasna Sex Stories बहोत पढी होगी लेकीन आज मैं जो अपनी Real Saxi Story बताने वाला हूँ जिसे सुनकर आपका खडा हो जाऐगा | चलिये हम आपको बताते है मेरी Zavazavi katha

हमारे घर में मैं, मेरा भाई, मम्मी और पापा हैं, भाई मुझसे दो साल छोटा है, मम्मी घर पर ही रहती है और पापा बिल्डिंग कंस्ट्रकटर हैं इसलिये वो रात को देर से ही आते और सुबह जल्दी चले जाते हैं। मैं बी-टेक के दूसरे साल में हूँ और भाई बारहवीं में है। मेरा अपना अलग कमरा है भाई बगल वाले कमरे में और मम्मी-पापा नीचे वाले कमरे में सोते हैं।

मेरा कद 5'6" है, मेरी चूचियाँ 33", कमर 28" और नितंब 37" हैं। मुझे काले रंग की ब्रा और पेंटी पहनना बहुत ही पसंद है और ऊपर से छोटा सा टॉप और कसी हुई जींस, चलते हुए चूतड़ मटकाना बेहद पसंद है।

बात ज्यादा पुरानी नहीं है, एक दिन जब मैं सुबह उठी तो मेरा सर दर्द कर रहा था। मैंने मम्मी को कहा- मेरा सर दर्द कर रहा है, आज मैं कॉलेज नहीं जाऊँगी।
और मैं फिर से सो गई। बाद में मैं दस बजे उठी तब तक भाई स्कूल चला गया था और मेरा सर दर्द भी काफी कम हो गया था।

मम्मी ने खाना बना लिया था, जब मैं मम्मी के कमरे में गई तो मम्मी तैयार हो रही थी तो मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी कहाँ जा रही हो?
मम्मी ने बताया कि वो मार्केट जा रही हैं सविता आंटी के साथ ! शाम तक लौटेंगी, और कहा- खाना बना दिया है, नहा कर खा लेना।

मम्मी तो तैयार होकर आंटी के साथ चली गई, अब घर में मैं अकेली रह गई। भाई शाम को 6 बजे तक आता है क्योंकि वह ट्यूशन जाता है। वो और मम्मी तो शाम तक आने वाली थी इसलिये मुझे कोई डर नहीं था, मुझे मस्ती की सूझी।

सबसे पहले मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। जब भी मैं घर पर अकेली होती हूँ तो मुझे बिना कपड़ों के रहने बड़ा ही अच्छा लगता है।

फिर मैंने अपने डरावर से रेजर निकाला अपनी योनि के बाल साफ़ करने के लिए मैंने पापा की शेविंग क्रीम लगा कर अपने बाल साफ़ कर लिए, फिर मैं नहाने चली गई..
नहाने के बाद मैंने सोचा कि जल्दी से खाना खा लूँ बाद में तो... आप समझ गए होंगे कि जब एक लड़की घर में अकेली होती है तो वो क्या करती होगी...
Bhai Bahan Sex Stories
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दोस्तों आपको मेरी Hindi Sex Story पसंद आऐ तो शेअर कर देना क्यूँकी मै मेरी चुदाई की कहानी आप तक पहुँचा रही हूँ |Seaxy Story 
पर आप Savita bhabhi ki chudai की कहानी भी पढ सकते हो जो मैंने लिखी है | तो चलिये आगे क्या हुआ आपको बताता हुँ मेरी Bhai Bahan Ki Chudai Ki kahani

खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में गई वहाँ मैंने डरावर में से बॉडी क्रीम निकाली और धीरे धीरे अपनी चूचियों पर लगाने लगी, मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी, कब मेरा हाथ मेरी चूत पर चला गया पता ही नहीं चला और मैं एक उंगली अपनी चूत में डाल कर आगे-पीछे करने लगी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था, एक हाथ से मैं अपनी चूत में उंगली कर रही थी और एक हाथ से अपनी चूचियाँ मसल रही थी।

मेरी उंगली तेज चलने लगी और मेरे मुँह से आह्ह उफ्फ आह्ह की आवाज आने लगी और मैं अपने चरम बिन्दु पर पहुँच गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन अभी भी मेरा मन नहीं भरा था और मैंने अपनी उंगली अपनी गाण्ड में डाल ली, उसे आगे-पीछे करने लगी। तभी दरवाजे की घंटी बजी, मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और गेट खोलने गई।
मैंने मैंने गेट खोला तो गेट पर दीपक मेरा भाई था, मैंने उससे पूछा- आज जल्दी कैसे आ गया?

दीपक बोला- आज टयूशन वाले सर कहीं गए हुए थे इसलिये टयूशन की छुट्टी हो गई !

आपको बता दूँ कि मेरा भाई दीपक मेरी चूचिया और गाण्ड जी भर कर देखता है, जब हम दोनों टीवी देख रहे होते हैं तो उसकी नजरें मेरी जांघों और मेरी चूचियों पर होती है।
शाम के 6 बजे मम्मी भी आ गई। रात होने पर हम सब खाने खा कर सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए।
मैं रात को लोअर और ऊपर बिल्कुल पतला टॉप डालती हूँ ताकि गर्मी न लगे।

मैं बेड पर पेट के बल तकिये को बाहों में लेकर सो गई। रात को तकरीबन 11 बजे मुझे लगा कि मेरी टाँगों पर कोई कीड़ा चल रहा है तो मैंने खड़े होकर लाइट जलाई तो देखा कि दीपक मेरे कमरे से तेजी से निकल कर अपने कमरे में भाग कर चला गया।

मैं समझ गई कि वो कीड़ा नहीं दीपक था और वो फिर से आएगा इसलिए मैं लाइट बंद करके सोने का नाटक करने लगी। 20 मिनट बाद मुझे लगा कि दीपक आ गया है तो मैंने करवट बदली करवट बदलते हुए उसका हाथ मेरी टांगों से छू गया और मुझे यकीन हो गया कि वो आ गया है, मैं सोने का नाटक करने लगी।

दीपक ने धीरे धीरे मेरे टांगों पर हाथ फिराना शुरू किया, मेरी शरीर में अजीब से लहरें दौड़ने लगी वो मेरी टांगों पर चुम्बन करने लगा, मेरे लोअर को ऊपर करने लगा और धीरे धीरे मेरी टांगों को चाटने लगा, मेरी टाँगें चाटते हुए उसने एक हाथ मेरे कूल्हों पर फिराना शुरू किया। उसे लगा कि मैं सो रही हूँ लेकिन उसे क्या पता था कि आज रात वो मेरा पति बनने वाला है, मैंने सोच लिया था कि आज तो उसके लंड और मेरी चूत का मिलन करवाऊँगी ही !

वो मेरे कूल्हे दबाने लगा और धीरे धीरे मेरी चूत भी दबाने लगा। कुछ देर दबाने के बाद वो ऊपर बढ़ने लगा और और अपने दोनों हाथ मेरी चूचियों पर रख दिए और उन्हें धीरे धीरे दबाने लगा।

मेरे मुँह से आह्ह स्स्स्स की आवाजें निकलने लगी तो उसे पता चल गया कि मैं जाग रही हूँ लेकिन उसने हिम्मत करके अपना काम चालू रखा और वो मुझे पर लेट गया और एकदम से अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा।

मैंने भी धीरे धीरे उसका साथ देना शुरू कर दिया, वो समझ चुका था कि रास्ता साफ़ है तो उसने जोर से मेरी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी। अब उसने मेरा टॉप निकाल दिया और मुझे लोअर निकलने के लिए खड़ा होने के लिए बोला।

जैसी ही मैं खड़ी हुई, उसने तेजी से मेरा लोअर नीचे खींच दिया। अब उसके सामने लाल ब्रा और पैंटी में थी। उसने मुझे बेड पर गिरा दिया, अपना सर मेरी चूत पर रख दिया और उसे ऊपर से चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे दबाने लगा, मेरी गांड में उंगली दबाने लगा।

मैं उसका सर अपने हाथों से अपने चूत पर दबाने लगी, मेरे मुँह से तरह तरह की आवाजें निकलने लगी- मैं… मर गई रे ईईईइ अह्हा मर गई !! ऐसे नहीं ! धीरे धीरे कर ना !
फिर उसने मेरी ब्रा और पेंटी निकाल दी और मैंने उसका अण्डरवियर निकाल दिया तो उसका 8 इंच का लण्ड मेरे सामने था। मैंने बिना देरी किया उसके लंड को मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी। वो बोल रहा था- चूस मेरी जान चूस ! आज तो तुझे इतना चोदूँगा कि तू हमशा मुझसे ही चुदेगी, तेरी गांड मारूंगा !

मैं जोर जोर से उसका मोटा लंड चूस रही थी।

उसने मुझे कुतिया बनने के लिए कहा, मैं समझ गई कि पहले मेरी गांड मरेगी। मैं झट से कुतिया बन गई, फिर वो मेरी गांड चाटने लगा। हाय क्या बताऊँ दोस्तो, गांड चटाने में कितना मजा आता है। सच में वो अपनी जीभ को मेरी गांड के प्यारे से छेद में डालने लगा, कभी उसे गांड के छेद पर फिराता तो कभी उसे मेरी गांड में डालता। जब मेरी गांड बिल्कुल गीली हो गई तो उसने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और और अपने लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रखा और एक जोरदार झटका मारा।

उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में चला गया, मैं तो मानो मर ही गई, मेरी आँखों में आँसू आ गये और उसे लंड निकलने के लिए कहने लगी लेकिन वो मेरी गांड में लंड डाले ही मुझे पर लेट गया। दस मिनट बाद जब दर्द कम हुआ तो उसने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए।

अब तो मैं भी उसका साथ देने लगी और चिल्लाने लगी- बहन के लौड़े ! और जोर से चोद ! फाड़ दे मेरी गांड ! अपनी बहन को इतना चोद कि मैं खड़ी भी न हो पाऊँ !

वो जोर जोर से धक्के मारने लगा, उसका पूरा का पूरा का लंड मेरी गांड की जड़ तक जा रहा था, करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो कहने लगा कि उसका काम होने वाला है। बोला- अब मैं लण्ड निकालने वाला हूँ।

मैंने उसे कहा- नहीं यार ! आज तो अपने अमृत से मेरी गांड की प्यास बुझा दे, अंदर ही झाड़ दे अपना माल !
और वो झटके मारने लगा और अपना पानी मेरी गांड में भर दिया। उसके लंड से निकला गर्म पानी गांड में डलवा कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। पानी छोड़ने के बाद मैंने उसका लंड चाट कर साफ़ कर दिया।

मैंने कहा- मेरे राजा भाई ! अपनी बहन की चूत नहीं मारेगा क्या?

उसने कहा- मारूँगा मेरी जान ! भोसड़ा बना दूँगा तेरी चूत का ! पहले मेरे लंड को खड़ा तो कर !

मैंने फिर से उसका लंड मुंह में लिया और उसे चूसने लगी...
10 मिनट में उसका लंड फिर से लोहे जैसा हो गया, उसने मुझे सीधी लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके मेरी चूत चाटने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ और बस चूत चटवाती ही रहूँ।

कुछ देर चूत चाटने पर उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और जोर का झटका मारा, उसके लंड ने मेरी चूत को सलामी दी।

मैं आपको बता दूँ कि कई बार मैं चूत में मोमबत्ती भी डाल लेती थी इसलिये मेरी झिल्ली फट चुकी थी, लंड के अंदर जाने में मुझे इतना दर्द नहीं हुआ और न ही खून निकला। जब उसने देखा कि खून नहीं आया तो उसने कहा- क्या बात है, कहीं किसी और से तो नहीं चुद ली?

तब मैंने उसे बताया कि मैं मोमबत्ती डालती थी इसलिये मेरी झिल्ली पहले ही फट चुकी थी।

फिर क्या था, उसने जोर जोर से धक्के लगाने शुरु किये और मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। आधे घंटे चुदने के बाद हम दोनों एक साथ झड़े, उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया। वो डर गया तो मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं, आय-पिल ला दियो, मैं ले लूँगी।

फिर मैं थोड़ी देर तक ऐसे ही चूत में लंड डलवाए लेटी रही।
तब तक सुबह के 5 बज गए थे, हमने जल्दी से अपने कपड़े पहने और वो अपने कमरे में जाकर सो गया।

जाते हुए मैंने उसे कह दिया- अब तो मैं तेरा ही लंड डलवाया करूंगी अपनी चूत में !

तो उसने भी कह दिया- अब तो मैं भी तुझे रोज चोदा करूँगा मेरी बहन !
और मुस्करा कर चला गया। तब से लेकर आज तक मैं उससे चुद रही हूँ।

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